Role of Media In Health Education
स्वस्थ्य शिक्षा में मीडिया की भूमिका
स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो का कार्य क्षेत्र
- शिक्षा में रेडियो का क्या योगदान है ?
- भारत में रेडियो प्रारंभ कब हुआ ?
- स्वास्थ्य शिक्षा में रेडियो की क्या भूमिका है ?
रेडियो की शुरुआत कब हुई ?
When Did Radio Start ?
- रेडियो का जनक कौन है ?
जानकारी के लिए बता दे की सबसे पहले रेडियो का आविष्कार मारकोनी (Markoni) ने किया था। इन्होंने पहला रेडियो संदेश इंग्लैण्ड से अमेरिका भेजा था | यह रेडियो की शुरुआत मानी जाती है 24 दिसंबर 1906 को Radio Broadcasting के द्वारा सन्देश भेजा था रेगिनाल्ड फेसेंडेन (Reginald Fessenden) ने जो कनाडा के वैज्ञानिक थे |

भारत में रेडियो की शुरुआत कब हुई ?
When Did Radio Start in India ?
भारत की बात करें जब वर्ष 1927 आया तब तक भारत में कई रेडियो स्टेशन खोले जा चुके थे | इसके बाद 1936 में सरकारी रेडियो की शुआत की गयी जिसका नाम इम्पीरिअल रेडियो ऑफ़ इंडिया Imperial Radio Of India रखा गया और यही आगे चलकर इसका नाम All India Radio बना जिसको हम "आकाशवाणी" के नाम से भी जानते है |
Health Education to Villagers By Radio
रेडियो द्वारा ग्रामीण समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा
- स्वास्थ्य शिक्षा में रेडियो की क्या भूमिका है ?
जिन स्थानों पर अभी भी रेडियो की उपलब्धता है, वहां आज भी रेडियो (radio) स्वास्थ्य शिक्षा (Health Education) देने का बढ़िया साधन है | रेडियो संचार का ना केवल सस्ता साधन है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुचना प्रसारित करने का अतिशीघ्रगामी साधन है | रेडियो के कार्यक्रम उक्त क्षेत्र की भाषा में प्रसारित किए जाते है तथा वहां की समस्याओं या उपलब्धियों से संबंधित होते है |
भारत में स्वास्थ्य शिक्षा के लिये रेडियो का योगदान
भारत में स्वास्थ्य शिक्षा के लिए आकाशवाणी की अहम भूमिका रही है | समय-समय पर जनता को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के कार्यक्रम रेडियो पर प्रसारित करना आकाशवाणी करता आया है | आप लोगों ने अक्सर रेडियो पर सुना होगा प्लस पोलियो रविवार की जानकारी आकाशवाणी रेडियो अपने माध्यम से जनता तक पहुँचता आया है | जिसका अच्छा नतीजा आज हमें देखने को मिलता है, किस तरह सरकार के द्वारा चलाए गए पोलियो अभियान की जानकारी जनता को मिली और जनता ने जागरूक होकर किस तरह इस रोग का सामना किया और भारत को पोलियो मुक्त बनाने में अपना योगदान दिया |
अफ्रीका (Africa) में मलेरिया नियंत्रण में रेडियो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है |
स्वाजीलैंड में डायरिया के कारण अत्यधिक नवजात मृत्यु दर को दूर करने के लिए स्वाजीलैंड मीडिया ने रेडियो द्वारा डायरिया के कारण व उपचार के तरीकों से लोगों को अवगत कराया | डायरिया होने पर ORS घोल तैयार करने का तरीका और उसे देने का तरीका बताया, जिससे स्वाजीलैंड की जनता अपने बच्चों को डायरिया रोग से बचा सकी व बहुत हद तक स्वाजीलैंड में नवजात मृत्यु;दर को कम किया जा सका |