Liquid Waste Disposal
तरल अपशिष्ट निपटान
सेनेटरी सीवरेज सिस्टम का निर्माण व रखरखाव
Construction and Maintenance of Sanitary Sewerage System
तरल गंदगी का निपटान यदि ठीक ढंग से ना किया जाए तो इससे कई तरह के रोग फैलने का भय बना रहता है। तरल गंदगी का जमाव वातावरण में दुर्गंध कहलाता है तथा मक्खी व मच्छरों के पनपने की वजह बनता है। मानवीय मल मूत्र की तरल गंदगी में खतरनाक विषैले पदार्थ होते हैं। यदि इस तरह गंदगी के भूमि में समा जाते हैं तो यह बोतल के पानी को प्रदूषित कर देते हैं। अतः मानवीय मल मूत्र की तरल गंदगी को निपटाने के लिए सेनेटरी सीवरेज सिस्टम अपनाया जाता है। सीवरेज सिस्टम के अंतर्गत तरल गंदगी के निपटाने के लिए भूमि के अंदर पाइप लाइन बिछाई जाती है, जिसे सीवर कहते हैं। इस पद्धति के लिए पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है क्योंकि गंदे तरल को पानी के जोर के बहाव द्वारा पाइपों में बहाया जाता है।
सेनेटरी सीवरेज सिस्टम के अंतर्गत प्रत्येक घर की तरफ गंदगी को भूमिगत पाइप लाइन द्वारा जोड़ा जाता है। गलियों व सड़कों की गालियां सेनेटरी ड्रेनेज सिस्टम से जुड़ी होती है।

सेनेटरी सीवरेज सिस्टम का निर्माण व रखरखाव
Safe Methods of Liquid Waste Disposal तरल गंदगी को निपटाने के सुरक्षित तरीके read more
- सेनेटरी सीवरेज सिस्टम के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक घर की तरल गंदगी की पाइप लाइन सीवरेज सिस्टम से जुड़ी हो।
- घर की नालियों का भूमिगत पाइप लाइन (Underground Pipe Line) से चौड़ा होना भी जरूरी है।
- गलियों तथा सड़कों की नालियों की निकासी भी सीवरेज पाइप लाइन से जुड़ी होनी चाहिए।
- शिवराज सिस्टम की देखभाल के लिए मेन हॉल (Manhole) व जाल (Traps) की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे सीवरेज सिस्टम के समय-समय पर सफाई होते रहे तथा सीवर सिस्टम में उत्पन्न लीकेज, टूट-फुट आदि का पता लगाकर समय अनुसार उसकी मरम्मत की जा सके। सीवरेज सिस्टम में जाल (Traps) की व्यवस्था गंदे तरल की बदबू वापस घरों में जाने से रोकती है।
- सीवर लाइन के चेंबर वा मेनहोल ईट, सीमेंट के बने होने चाहिए सीवर लाइन के प्रत्येक 100 मीटर के अंतर पर जा दो अथवा दो से अधिक नालियां मिली हो, वहां चैंबर पर लोहे अथवा सीमेंट का ढक्कन लगा होना चाहिए।
- चैंबर की वेंटिलेटिंग शाफ्ट गंदी हवा को बाहर नहीं निकलने देती तथा चेंबरों की इंटरसेप्शन ट्रैप, घरों की नालियों की सफाई के लिए लगाई जानी चाहिए।