Food and Nutrition
भोजन और पोषण
कार्बोहाइड्रेट
Carbohydrates
कार्बोहाइड्रेट, कार्बन, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का यौगिक (Compound) होता है। यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसका मुख्य कार्य शरीर के लिए ऊर्जा उत्पन्न करना है।
- कार्बोहाइड्रेट के स्रोत (Sources of Carbohydrates):-
- कार्बोहाइड्रेट के कार्य (Functions of Carbohydrates):-
- ये शरीर को गर्मी व शक्ति प्रदान करते है।
- यह वसा की ऑक्सीकरण (Oxidation) क्रिया के लिए आवश्यक है।
- आवश्यक एमिनो अम्ल के निर्माण में सहायक है।
- कार्बोहाइड्रेट से शरीर को आवश्यक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे शरीर में कार्य करने की शक्ति बनी रहती है।
- कार्बोहाइड्रेट की कमी (Deficiency of Carbohydrates):-
- कार्बोहाइड्रेट की अधिकता (Excess of Carbohydrates):-
- कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता (Requirement of Carbohydrates):-
कार्बोहाइड्रेट का सबसे अच्छा स्रोत वनस्पति जगत है। पौधों के पत्तों में उपस्थित क्लोरोफिल सूर्य की रौशनी में हवा में से कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) और जल (H2O) के मेल से प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करता है। पौधों के रेशों में कार्बोहाइड्रेट, सेल्यूलोज (Cellulose) के रूप में उपस्थित रहता है तथा अनाजों में स्टार्च के रूप में। कार्बोहाइड्रेट का सबसे अच्छा स्रोत गेहूं का आटा, चावल का आटा, दाल, गुड़, शक़्कर, शहद, माँ का दूध, पके फल, गाजर, गोभी आदि है।

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत
कार्बोहाइड्रेट सबसे सुलभ और सस्ता पौष्टिक तत्व है। यह आलू, शकरकन्द, ज्वार, मक्का, अंगूर, मुरब्बा, जैली, परिष्कृत चीनी (Refined Sugar), चुरा, गुड़, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि में भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहता है।
कार्बोहाइड्रेट के कार्य निम्नलिखित हैं :-
कार्बोहाइड्रेट के इतने अधिक स्रोत हैं कि कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति किसी न किसी तरिके से हो जाती है, किन्तु जब डाइटिंग या अन्य कारणों से व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट के किसी भी स्रोत का इस्तेमाल ना करे, तब उसमें कार्बोज पदार्थों की मात्रा कम होने लगती है। प्रोटीन व वसायुक्त पदार्थों से कार्बोज का कार्य किया जाता है। प्रोटीन पदार्थों के अधिक उपयोग कार्बोज की कमी के कारण शरीर में कुपोषण उत्पन्न हो जाता है। कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं तथा व्यक्ति को कीटोसिस नामक रोग लगने की संभावना रहती है।
कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा व्यक्ति को अपच का शिकार बना देती है। उसे दस्त लग सकते है। शरीर मोटापे का शिकार हो सकता है क्योंकि आवश्यकता से अधिक कार्बोहाइड्रेट वसा तंतुओं में बदल जाते हैं, जिससे व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है। वजन बढ़ जाने से व्यक्ति चुस्त नहीं रहता व शीघ्र थक जाता है। कार्बोज की अधिकता से पैंक्रियाज (Pancreas) पर अधिक इन्सुलिन बनाने का दाब पड़ता है, जिससे उसकी इन्सुलिन उत्पन्न करने की क्षमता कम होने लगती है, जिससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा का अनुपात बढ़ जाता है (क्योंकि कार्बोज पदार्थों का पाचन इन्सुलिन नामक हार्मोन पर निर्भर करता है।
यदि शरीर में किसी कारण इन्सुलिन की कमी होती है, तो ग्लूकोन रक्त में परिवर्तित नहीं होता और रक्त में मौजूद शक़्कर बढ़ जाती है) जो व्यक्ति को मधुमेह जैसे खतरनाक रोग से ग्रसित कर सकता है।
कार्बोहाइड्रेट की दैनिक आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति प्रतिदिन कितनी कैलरी का आहार लेता है अर्थार्त व्यक्ति प्रतिदिन जितनी कैलरी का आहार लेगा उसमें 45-65 प्रतिशत तक कैलरी कार्बोहाइड्रेट की होनी आवश्यक है।
जैसे:- यदि व्यक्ति प्रतिदिन 2000 कैलरी का आहार लेता है, तो 1125-1152 कैलरी तक कार्बोहाइड्रेट की होनी चाहिए अर्थार्त 282-288 ग्राम कार्बोहाइड्रेट उसके आहार में शामिल होना चाहिए (1 ग्राम = 4 कैलरी)