आवास प्रबंध
HOUSING
स्वस्थ आवास के सामान्य सिद्धान्त
GENERAL PRINCIPLES OF HEALTHY HOUSE
मानव के अच्छे स्वास्थ्य की शुरुआत घर से ही होती है। यदि घर साफ, हवादार व सुरक्षित है तो मानव का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। यदि घर गन्दा, सीलनभरा व उमस भरा है तो उस घर में रहने वाले व्यक्तियाँ का स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं रहता। एक स्वच्छ व सुरक्षित घर बनाने के लिए पर्यावरणीय स्वच्छता समिति (Environmental Hygiene Committee) ने 1949 में घर के स्तर संबंधी कई सिफारिशें प्रस्तावित की है।

- स्थान (Location):-
- खुली जगह (Open Space):-
- घर की नींव (Foundation of House):-
- घर की छत (House Roof):-
- खिड़कियां व दरवाजे (Windows and Doors ):-
- रसोईघर (Kitchen ):-
- स्नानालय व शौचालय (Bathroom and Latrine ):-
- रोशनी की व्यवस्था (Light Arrangement):-
- पानी की व्यवस्था (Water Arrangement):-
- पानी की निकासी (Water Exhaust ):-
- चारदीवारी (Wall):-
- हरियाली (Greenery):-
- आसपास की स्वच्छता (Cleanliness of Surrounding)-
पर्यावरणीय स्वच्छता समिति (Environmental Hygiene Committee) के अनुसार मानव आवास बनाते समय निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है:-
आवास बनाने के लिए जगह का चयन करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि वहां का तापमान उचित हो अर्थात मानव के रहने योग्य हो। वहां की भूमि पथरीली या बंजर ना हो, वह स्थान भूचालग्रस्त ना हो, वहां बाढ़ आदि की संभावना ना हो आस-पास कचरे के ढेर ना हो, आस-पास आबाद क्षेत्र हो, जंगली पशुओं के आने की संभावना ना हो, तथा रोशनी, पानी हवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो।
घर बनाते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि घर के कुल क्षेत्रफल का 1/3 भाग ही छत होनी चाहिए व घर का बाकी भाग खुला छोड़ना जरूरी है। घर पूर्व की तथा दक्षिण की तरफ से खुला हो, ताकि शुद्ध हवा व रोशनी घर में आ सके।
घर की नींव पक्की व मजबूत हो तथा कम से कम 18 इंच कंक्रीट से भरी हो ।
घर की छत कम से कम 9-10 फुट ऊंची हो तथा छत पर पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो, जिससे बरसात या अन्य तरह का पानी छत पर भरकर घर में सीलन पैदा ना कर सके।
घर के प्रत्येक कमरे में खिड़की व दरवाजे की निकासी आवश्यक है। खिड़की व दरवाजे के अभाव में कमरे में उमस उत्पन्न हो जाएगी व घर सुरक्षित नहीं रह पाएगा।
प्रत्येक आवास में अलग रसोईघर की व्यवस्था जरूरी है। रसोई का धुआं व गैस निकालने के लिए रसोई में निष्कासन पंखा (Exhaust Fan) लगा होना चाहिए।
बिना स्नानालय व शौचालय के एक अच्छे आवास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। घर कितना भी बड़ा, हवादार, खुला, सुन्दर हो लेकिन यदि उसमें शौचालय या स्नानालय की व्यवस्था नहीं है, तो वह घर स्वस्थ व सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।
घर की प्रत्येक जगह पर प्राकृतिक रोशनी के साथ-साथ कृत्रिम रोशनी (Light) की व्यवस्था होना भी जरूरी है तथा गर्मियों में प्रत्येक कमरे में पंखा, कूलर या ए.सी. का होना आवश्यक है।
पीने के पानी के अलावा मनुष्य को अनेक दैनिक क्रियाओं के लिए पानी की जरूरत होती है। स्वस्थ घर की परिभाषा में घर में ही पर्याप्त पानी की व्यवस्था होना जरूरी है।
एक अच्छे घर में पानी की निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था आवश्यक है। यदि पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होगी तो पानी घर की दीवारों या अन्य भागों में समाकर सीलन पैदा करेगा व अनेक रोगों को जन्म देगा ।
घर के चारों ओर करीब 8 फुट की चारदीवारी आवश्यक है, जिससे घर के लोग जंगली पशुओं, डाकू, चोर आदि के आक्रमण से बच सकें ।
विश्व के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज स्वस्थ घर की परिभाषा में घर में छोटे से बगीचे का होना अनिवार्य माना जाता है। घर का बगीचा घर के लोगों को स्वस्थ रखने में सहायक है।
एक स्वस्थ व सुरक्षित घर के लिए सबसे महत्वपूर्ण व आवश्यक तत्व है। आसपास की स्वच्छता। बाहर की गन्दगी ना केवल वातावरण को प्रदूषित करती है, बल्कि मक्खी व मच्छरों के द्वारा अनेक रोगों को जन्म देती है। अतः घर बनाते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि घर के आसपास का वातावरण गन्दा ना हो।
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उपरोक्त वर्णित सभी तत्व एक स्वस्थ आवास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा घर बनाते समय कुछ अन्य कारकों जैसे-घर के पास सड़क की व्यवस्था हो, घर औद्योगिक क्षेत्र से दूर हो, यातायात के साधन उपलब्ध हों आदि का भी ध्यान रखा जाता है।