गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस
(17 अक्टूबर 2025)
हर वर्ष 17 अक्टूबर को पूरी दुनिया में “गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस” (International Day for the Eradication of Poverty) मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों को सम्मान देने के लिए समर्पित है जो गरीबी, भूख और सामाजिक अन्याय का सामना कर रहे हैं।
गरीबी क्या है?
गरीबी केवल पैसे या संसाधनों की कमी नहीं है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं — भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य — तक पर्याप्त पहुँच नहीं होती।
गरीबी के मुख्य प्रकार
- सापेक्ष गरीबी (Relative Poverty): जब किसी व्यक्ति का जीवन स्तर समाज के औसत स्तर से नीचे हो।
- संपूर्ण गरीबी (Absolute Poverty): जब व्यक्ति अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाता।
भारत में गरीबी की स्थिति
विश्व बैंक के अनुसार, भारत में अभी भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन $2.15 (लगभग ₹180) से कम पर जीवनयापन करते हैं। हालाँकि सरकार की योजनाओं और जनकल्याणकारी नीतियों से स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन ग्रामीण और शहरी असमानता अब भी एक बड़ी चुनौती है।
गरीबी उन्मूलन दिवस का इतिहास
17 अक्टूबर 1987 को पेरिस, फ्रांस में हजारों लोगों ने एकत्र होकर उन लोगों की स्मृति में कार्यक्रम किया जो गरीबी और मानव अधिकारों की लड़ाई में मारे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1992 में इसे आधिकारिक रूप से International Day for the Eradication of Poverty घोषित किया।
इस दिवस का उद्देश्य
- गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे लोगों की आवाज़ को दुनिया के सामने लाना।
- यह दिखाना कि गरीबी केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक समस्या भी है।
- सरकारों और संगठनों को जागरूक करना ताकि गरीबी मिटाने की दिशा में ठोस नीतियाँ बनाएँ।
- लोगों को प्रेरित करना कि वे स्वयं भी गरीबों के सहयोग में भाग लें।
भारत में गरीबी और उसके कारण
- जनसंख्या वृद्धि: संसाधनों पर दबाव बढ़ता है।
- बेरोजगारी: नौकरी की कमी और अस्थायी रोजगार से गरीबी बनी रहती है।
- शिक्षा की कमी: अशिक्षा कौशलहीन बनाती है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: बीमारियाँ आर्थिक रूप से कमजोर बनाती हैं।
- सामाजिक असमानता: जाति, वर्ग, लिंग आधारित भेदभाव विकास में बाधा डालता है।
भारत सरकार की प्रमुख योजनाएँ
- MGNREGA: ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): गरीबों को पक्का घर उपलब्ध कराना।
- प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY): वित्तीय समावेशन।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): मुफ्त गैस कनेक्शन।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM): महिला स्व-सहायता समूह।
- आयुष्मान भारत योजना: मुफ्त स्वास्थ्य बीमा।
NGO और सामाजिक संगठन की भूमिका
- जागरूकता फैलाना
- स्व-रोजगार अवसर प्रदान करना
- बच्चों की शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवाएँ
- महिला सशक्तिकरण
शिक्षा और गरीबी
शिक्षा ही वह आधार है जो किसी भी देश को गरीबी के अंधकार से निकालकर विकास की रोशनी तक ले जाती है।
- रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है।
- स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता आती है।
- सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलता है।
डिजिटल इंडिया और गरीबी उन्मूलन
Digital India परियोजना गरीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण है। बैंकिंग, शिक्षा, ई-गवर्नेंस और स्वरोजगार के क्षेत्र में इसका लाभ गरीब वर्ग को पहुँच रहा है।
वैश्विक प्रयास
संयुक्त राष्ट्र के SDG Goals में पहला लक्ष्य है: No Poverty। विश्व बैंक, UNDP, UNICEF और अन्य संगठन गरीबी हटाने में मदद कर रहे हैं।
चुनौतियाँ और समाधान
- जनसंख्या और संसाधन असंतुलन
- भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी
- लिंग और सामाजिक भेदभाव
- स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना
- तकनीक और नवाचार का उपयोग
व्यक्ति की भूमिका
- शिक्षा में सहायता करना
- NGO या स्वयंसेवी कार्यों में भाग लेना
- स्वरोजगार और कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना
- संसाधनों का साझा उपयोग और फिजूलखर्ची कम करना
- सोशल मीडिया जागरूकता अभियान
निष्कर्ष
गरीबी उन्मूलन दिवस हमें याद दिलाता है कि गरीबी सिर्फ आंकड़ों का विषय नहीं, बल्कि मानव जीवन की वास्तविक चुनौती है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए और हर किसी को सम्मानजनक जीवन मिले।
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