First Aid
प्राथमिक सहायता व उपचार
परिचय
Introduction
किसी रोग, चोट या दुर्घटना होने पर चिकित्स्क या एम्बुलेंस आने से पहले किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति (Untrained Person) द्वारा जो उपचार, राहत कार्य या इलाज दिया जाता है उसे प्राथमिक उपचार (First Aid) कहते है। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना है की रोगी या घायल व्यक्ति को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मिलने तक उसे कम से कम नुकसान हो।
इस प्रकार प्राथमिक उपचार व सहायता (First Aid) प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओ द्वारा कम से कम साधनों में आकस्मिक दुर्घटना, चोट या रोग के समय घायलों तथा रोगियों को दिया जाने वाला सरल उपचार है। कभी-कभी यह जीवनरक्षक भी सिद्ध होता है।
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प्राथमिक सहायता व उपचार की परिभाषा (Definition of First Aid)
किसी घायल या रोगी को उसके आंगो एवं जीवन रक्षा के लिए उसे अस्पताल ले जाने से पूर्व या चिकित्सक के आने से पूर्व उपलब्ध या सीमित साधनों के द्वारा जो संभव सहायता दी जाती है उसे प्राथमिक सहायता या उपचार (First Aid) कहते है।
प्राथमिक सहायता व उपचार की आवश्यकता (Need for First Aid treatment)
प्रत्येक वर्ष लाखों लोग सड़क दुर्धटनाओं में तथा घरों में होने वाले हादसों से घायल होते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि समय पर सहायता तथा मेडिकल सुविधा ऐसे घायलों या रोगियों को नहीं मिल पाती। दुर्घटनओं तथा हादसों में आसपास के लोग यदि प्राथमिक सहायता (उपचार) तथा घायलों को ले जाने के तरीकों में प्रशिक्षित हों तो बहुत स्थितियों को समय पर काबू किया जा सकता है। प्राथमिक सहायता के प्रशिक्षण से घर के सदस्य, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी कार्यक्षेत्र के सहकर्मी रोगी या घायल के लिए ऐसे आपातकालीन समय में सहायता बन सकते है। ऐसे प्रशिक्षण से लोगों में विश्वास बढ़ता है। तथा वे अपनों या पीड़ितों की समय पर तकनीकी मदद कर सकते है। ऐसे घायलों या रोगियों को पहले घंटे में जिसे सुनहरा घंटा (Golden Hour) कहा जाता है। तो बहुत सारे लोगों का जीवन बचाया जा सकता हैं यह एक समाजिक कार्य जिसमें हम भी अपना योगदान दे सकते हैं।
प्राथमिक सहायता इस मैडिकल सहायता का एक भाग है जो अस्पताल से बहार तक जारी रहती हैं तथा मेडिकल सहायता (उपचार) मिलने पर ही समाप्त होती है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी (Good Samaritan Law-2016) नियम को लागू कर दिया है अब कोई भी व्यक्ति घायल को अस्पताल ले जा सकता हैं अब पुलिस आपसे कोई सवाल नहीं करेगी न ही आपको वहां रुकने के लिए कहेगी। आशा है कि अब आम लोगों में पुलिस का डर कम हो जायेगा तथा घायलों को बचाने में अधिक मदद मिलेगी।
अक्सर देखा गया है सड़क हादसे में अगर कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो उस घटना को देखने वालो की भीड़ एकता हो जाती है कोई उसकी सहायता नहीं करता है लेकिन दिल्ली सरकार की एक स्कीम जिसमे अगर कोई व्यक्ति अगर घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाता है तो उस व्यक्ति को जिसने घायल की जान बचाने व अस्पताल पहुंचाया उसे 5000 रूपये की राशि इनाम के रूप में दी जायेगी।
In truth, even today people look back after seeing road accidents. People should get a little understanding from your post.👍
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