Behavioural Skills
व्यवहार कौशल
विश्वास बढ़ाना
Build Confidence
भिन्न-भिन्न लोगों के लिए आत्मविश्वास का अर्थ भिन्न-भिन्न हो सकता है लेकिन वास्तव में इसका अर्थ खुद पर विश्वास होना है। हमें अपने बारे में कैसे सोचना है तथा कैसे व्यवहार करना है यह हम दूसरों से सीखते हैं। यह सीख हमें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायता करती है। वास्तव में आत्मविश्वास हमारे अनुभवों का ही परिणाम है।

Build Confidence
हमें अतिआत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। यह हमें विश्वास दिलाता है कि हम कुछ भी कर सकते हैं परन्तु यदि आपके पास उसे करने के लिए आवश्यक कौशल तथा योग्यता, ज्ञान न हो तो ऐसी स्थितियों में अतिआत्मविश्वास विफलता का कारण बन सकता है। अतिआत्मविश्वास के कारण व्यक्ति अहंकारी तथा घमंडी हो जाता है जिससे व्यक्ति के विफल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
कम आत्मविश्वास कई कारकों का परिणाम हो सकता है जिसमें आलोचना, ज्ञान की कमी, खराब समय प्रबंध इत्यादि शामिल है। आत्मविश्वास की कमी के कई कारण होते हैं जैसे:- लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे, लोग हम पर हँसेंगे इत्यादि। इस तरह से सोचना हमें उन चीजों को करने से रोक सकता है जो हम करना चाहते हैं या जिन्हें करने की आवश्यकता है क्योंकि, हम मानते है की इसका परिणाम बहुत दर्दनाक या शर्मनाक होगा। आत्मविश्वास को कुछ नियमों तथा सिद्धांतों से नहीं सीखा जा सकता है। रचनात्मक तर्क,अन्य व्यक्तियों का कार्य करना, सीखना तथा संवाद करना इत्यादि आपके आत्मविश्वास में सुधार करता है अपनी क्षमता कौशल तथा अनुभव में विश्वास से आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।
स्व-जागरूकता
Self Awareness
स्व-जागरूकता एक व्यक्ति के विचारों, कार्यों को पहचानने में किसी के मूल्यों, क्षमताओं, हितों तथा अन्य कई पहलुओं को पहचानने तथा प्रतिबिंबित करने की विशेषता है। हमारे हितों, मूल्यों, कौशल, सीमाओं, भावनाओं तथा उद्देश्यों के बारे में गहरी (Deep) समझ को स्व-जागरूकता कहते है। स्व-जागरूकता वाले व्यक्ति दूसरों पर अपने व्यवहार (Behaviour) के प्रभाव को अच्छी तरह से जानते हैं अर्थात उनके व्यवहार से दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता है ? उसे जानते है। यदि आप स्व-जागरूक है तो आप कार्यस्थल पर अपनी व्यक्तिगत क्षमता को अनलॉक क्र सकते है तथा बेहतर करियर विकल्प चुन सकते है। स्व-जागरूकता व्यक्ति नियोक्ता के बोनस की तरह होता है। स्व-जागरूकता व्यक्ति को सफल होने के लिए मददगार होती है।

Behavioural Skills (Creating a Focused and Responsible Learning Environmrnt)
व्यवहार कौशल (एक केंद्रित और जिम्मेदार शिक्षण वातावरण)
- आत्म-अन्वेषण का प्रयास करके (Try Self-Exploration):-
- करियर कोच या सेंटर के साथ काम करके (Work With Career Coaches or Centre:-
- प्रत्येक दिन के अंत में विश्लेषण करके (Analysis at The End of Each Day):-
- दूसरों से प्रतिक्रिया के लिए पूछकर (Asking Other For Feedback):-
स्व-जागरूकता को निम्न तरीकों से बढ़ाया जा सकता है:-
अपने पिछले अनुभवों का विश्लेषण कर अपने कौशल को समझें। लगातार आत्म-अन्वेषण करने पर व्यक्ति को अपनी वास्तविक क्षमता का ज्ञान होता है। आत्म-अन्वेषण व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक क्षेत्र दोनों में किया जाता है तथा जहां सुधार की आवश्यकता है उसे कर स्व-जागरूकता को बढ़ाया जा सकता है।
कुशल करियर कोच या सेंटर प्रशिक्षण देकर आपकी स्व-जागरूकता के क्षेत्रों को पहचान सकता है। आप जिन क्षेत्रों में मजबूत नहीं है उन क्षेत्रों को मजबूत कर सकता है।
इस बारे में सोचे कि क्या अच्छा हुआ ? क्या अच्छा नहीं हुआ ? और उनके संभावित कारणों की पहचान करें। इससे मिली सीख (Learning) को अगले दिन या सप्ताह में अपने काम पर लगायें। इससे आपको एक ही रत में सफलता नहीं मिलती है लेकिन इन परिवर्तनों को धीरे-धीरे लगातार लागु करने पर आपको परिणाम जरूर दिखाई देगा।
यह दूसरे आप को कैसे देखते है ? तथा आप दूसरों को कैसे देखते है ? के मध्य के अन्तर को ख़त्म कर देती है। स्व-जागरूकता से आप अपनी कमजोर, ताकत को पहचान सकते हैं जो आपको बेहतर लीडर बनने में मदद करता। आप दूसरे व्यक्ति को बेहतर समझ सकते है जिससे आप अपने व्यवसाय के सही व्यक्तियों की पहचान कर सकते हैं ताकि आपको व्यवसाय में सफलता प्राप्त हो सकें।