Water
जल
सुरक्षित व पोस्टिक जल
(Safe and Wholesome Water)
जर्सी शहर में जल की सप्लाई रॉकवे (Rockaway) नदी द्वारा होती है किंतु रॉकवे नदी के प्रदूषित जल के कारण शहर में टाइफाइड, डायरिया आदि जल संबंधी और रोगों का अधिक प्रसार है। अतः 1899 जर्सी शहर (Jersey City) ने प्राइवेट वाटर कंपनी से समझौता किया कि कंपनी जर्सी शहर के लोगों को शुद्ध व पौष्टिक जल (Pure and Wholesome Water) की आपूर्ति करेगी। इसके लिए जर्सी शहर के निवासियों को जल प्राप्ति के लिए धन अदा करना पड़ेगा।
लेकिन जर्सी शहर के निवासी जल जैसे सर्व सुलभ संशोधन के लिए धन अदा करने के लिए तैयार नहीं हुए। अतः यह विवाद न्यायालय तक पहुंचा और न्यायालय ने स्वच्छ व पौष्टिक जल को निम्न प्रकार परिभाषित किया और जजों ने कहा कि यह सत्य है, कि प्रदूषित जल जर्सी शहर के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, किंतु जल की संपूर्ण स्वच्छता आवश्यक नहीं है। नहाने, कपड़े धोने, पौधों में जल डालने, खेतों की सिंचाई करने, बर्तन धोने आदि के लिए जल को स्वस्थ व पौष्टिक बनाया जाना आवश्यक नहीं है। इसलिए केवल पीने के जल को ही स्वच्छ व पौष्टिक बनाया जाए साथ ही जजों ने यह भी कहा कि जल को शुद्ध करने से जल के आवश्यकता पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं कुछ हद पीने के जल को स्वच्छ व पौष्टिक बनाया जाए ना कि शुद्ध व पौष्टिक जिससे जर्सी के निवासियों को केवल पीने के जल का ही धन अदा करना पड़े।
इस प्रकार जर्सी शहर के जजों ने स्वच्छ व पौष्टिक जल को परिभाषित करते हुए कहा कि जल में पौष्टिक तत्व पूरी तरह नष्ट ना होकर आवश्यक मात्रा में उपलब्ध हों अर्थात पीने के लिए स्वच्छ अंचल में भी कुछ रसायनिक पोषक तत्व की मात्रा होना जरूरी है।
स्वच्छ जल का मतलब यह कदापि नहीं होता कि प्रयोगशाला में विभिन्न रासायनिक विधियों द्वारा जल को शुद्ध किया जाए बल्कि स्वच्छ व पौष्टिक जल से तात्पर्य उस जल से है जो प्रदूषण रहित हो वह घरेलू उपयोग व पीने के योग्य हो।
शुद्ध जल व स्वच्छ जल में अंतर (Difference Between Pure Water and Safe Water)
किसी क्षेत्र की नगर पालिका द्वारा अपने क्षेत्र के निवासियों को नल से जो जल अथवा अन्य तरीके से जो जल उपलब्ध करवाया जाता है वह स्वच्छ होता है और पीने योग्य होता है, किंतु शुद्ध जल (Pure Water) नहीं होता उसमें कुछ रसायनिक तत्व जैसे नमक, मैग्निशियम, कैलशियम, कार्बोनेट, बाइकार्बोनेट व अन्य तत्व मिले होते हैं। सुरक्षित पीने योग्य जल में रासायनिक तत्वों की मात्रा उस क्षेत्र के नगर पालिका द्वारा तय की जाती है।

पानी के स्रोत
जबकि शुद्ध जल बिल्कुल शुद्ध होता है। उसमें ना तो कोई खनिज तत्व मिला रहता है और ना ही रसायनिक तत्व यह शुद्ध H2O है। वह केवल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का योगिक है।
Environmental Sanitation By WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पर्यावरणीय स्वच्छ्ता read more
पानी के स्रोत
(Sources of Water)
जो लेकिन रसायनिक पदार्थ है हाइड्रोजन के दो परमाणु व ऑक्सीजन का एक परमाणु मिलकर जल का निर्माण करते हैं H2O आमतौर पर जल शब्द का प्रयोग व्यवस्था के लिए किया जाता है पर जल ठोस व गैसीय अवस्था में भी पाया जाता है।
हम जानते हैं कि पृथ्वी का लगभग 71% हिस्सा जल से बना है जिसमें से 97% जल महासागरों व अन्य बड़े निकायों का है जो जल क्षारीय है व पीने योग्य नहीं है। पृथ्वी पर पीने योग्य जल की मात्रा मात्र 2.4 प्रतिशत है।यह जल नदियों झीलों वर्षा टैंको तालाबों आदि के माध्यम से हमें प्राप्त होता है। जिसका विवरण नीचे दिया गया है।
- वर्षा (Rain)
- सतही जल (Ground Water)
- जलाशय (Lake or Pond)
- नदिया व झरने (Rivers and Springs)
- टैंक ((Tank)
- जमीन के नीचे का जल (Underground Water)
- ग्लेशियर (Glacier)
वर्षा पीने के जल का मुख्य स्रोत है। यह जीवाणु रहित अशुद्ध जल होता है। वास्तव में बरसाती जल समुंदर में से भाप बनकर उड़ा हुआ जल है जो वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है। एक अनुमान के अनुसार समुद्र से हमें प्रति मिनट 3382.20 लीटर जल वाष्पीकरण द्वारा उड़ता रहता है जो बाद में वर्षा के रूप में धरती पर आता है।
पृथ्वी की सतह पर जल के प्रमुख स्रोत है:-
जलाशय के संबंध उस संस्थान से है जहां भारी मात्रा में जल संरक्षित किया जाता है। ये प्राकृतिक (Natural) अथवा मानव निर्मित (Man Made) दोनों रूपों में पाए जाते हैं। इस प्रकार से संरक्षित जल को पीने, खेती करने, तथा विद्युत उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है।
नदिया अनेक गांवों व शहरों की जल की आवश्यकता की पूर्ति करती है किंतु आज नदियों का जल सीवर लाइन, मानव व जानवरों के नहाने, उद्योगों का व्यर्थ पदार्थ बहाने, पूजा सामग्री नदियों में डालने अदि के कारण प्रदूषित होता जा रहा है।
टैंक जल जमा करने का स्रोत है भारतीय गांवों में टैंक जल के महत्वपूर्ण स्रोत है। यह मिट्टी धूल व पेड़ पौधों के अवशेषों से प्रदूषित होते रहते हैं।
यह जल साफ व पीने योग्य होता है कुए नल ट्यूबवेल द्वारा इस जल को जमीन से निकालकर प्रयोग में लाया जाता है।
यह जल ग्लेशियर के पिघलने से प्राप्त होता है। यह जल स्वच्छ व पीने योग्य होता है। चश्म का जल अर्थात पहाड़ी जल का अधिकतम उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है।