Water
जल
जल के उपयोग व इसकी आवश्यकता
(Uses of Water and It's Need)
जल, मानव जाति के लिए प्राकृतिक के अनमोल उपहारों में से एक है। मानव शरीर का 2/3 भाग जल का बना है। इससे स्पष्ट है कि मानव जीवन में जल का कितना महत्व है। पृथ्वी के हर जीवित प्राणी के लिए जल की आवश्यकता है।

जल के उपयोग व इसकी आवश्यकता
मानव भोजन के बिना कुछ दिन जीवित रह सकता है, किंतु जल के बिना वह दो-तीन दिन से अधिक नहीं रह सकता। जल मनुष्य के लिए कितना आवश्यक है, कि यदि मनुष्य के शरीर का सारा वसा व ग्लाइकोजन समाप्त हो जाए तथा प्रोटीन तत्व 50 प्रतिशत तक समाप्त हो जाए, तो मनुष्य जीवित रह सकता है, किंतु यदि जल की मात्रा मानव शरीर से मात्र 20 प्रतिशत भी कम हो जाए तो व्यक्ति की जल की कमी के कारण मृत्यु हो सकती है।
जल हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है तथा पाचन कार्य के लिए आवश्यक है। जल से मानव शरीर को अनेक रसायनिक व कार्बनिक तत्व की प्राप्ति होती है तथा शरीर से अनावश्यक पदार्थों को मूत्र व पसीने के रूप में बाहर निकालने का कार्य भी जल बिना संभव नहीं है।
जल केवल मनुष्य के लिए ही, नहीं हर जीवित प्राणी के लिए, जल चक्र के लिए, विकास के लिए, बिजली उत्पादन के लिए, सिंचाई के लिए आवश्यक है। मनुष्य को जल केवल पीने के लिए ही नहीं चाहिए बल्कि नहाने, कपड़े धोने, खाना पकाने व अन्य घरेलू कार्यों के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है।
जल के बिना ना तो मनुष्य भोजन बना सकता है और ना ही पचा सकता है। बिना जल के मनुष्य स्वच्छ नहीं रह सकता इसी कारण जहां जल की कमी होती है वहां अस्वच्छता के कारण लोगों का बसेरा भी अधिक होता है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है।
"जल ही धन है,
जल ही जीवन है,
जल है तो हम हैं,
जल है तो कल है"
एक व्यक्ति के लिए औसतन 2.4 लीटर से 2.5 लीटर जल की प्रतिदिन आवश्यकता है। जल के अनेक उपयोग है। किसी भी देश का घरेलू व राष्ट्रीय विकास जल की आवश्यकता पर भी निर्भर करता है।
Safe and Wholesome Water and Its Sources सुरक्षित व पोस्टिक जल और इसके स्रोत read more
- घरेलू उपयोग (Domestic Uses)
- औद्योगिक उपयोग (Industrial Uses)
- सिंचाई के लिए (For Irrigation)
- बिजली उत्पादन के लिए (For Electricity Generation)
- जल चक्र के लिए (For Water Cycle)
- पशुओं के लिए (For Animals)
- यातायात के लिए (For Transportation)
- पौधों के लिए (For Plants)
जल के उपयोगों को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं:-
घरेलू उपयोग के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन ढाई से तीन लीटर जल की जरूरत पड़ती है।
पीने की अतिरिक्त कपड़े धोने, खाना बनाने, नहाने आदि दैनिक कार्यों के लिए भी जल आवश्यक है।
उद्योगों को विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है। खाने-पीने से लेकर, पहनने के कपड़े बनाने, गहने बनाने, फर्नीचर बनाने, फ्रीज, टीवी, कूलर, कागज बनाने आदि सभी कामों के लिए जल नितांत आवश्यक है।
मानव को खाद्यअन्नउपलब्ध कराने के लिए खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए जल जरूरी है बिना जल के कोई भी खाद्य पदार्थ उपलब्ध नहीं होगा।
आधुनिक जगत की सबसे बड़ी जरूरत बिजली है। बिना जल के बिजली का उत्पादन भी संभव नहीं है। बिजली उत्पादन के लिए बहुत बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है।
पृथ्वी के गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए जल चक्र आवश्यक है। बिना जल के ना तो जल का वशीकरण होगा और ना ही कोई वर्षा होगी और ना ही मौसम का नियमितीकरण होगा।
बिना जल के पशु पक्षियों का अस्तित्व संभव नहीं है। पशुओं को पीने के लिए बड़ी मात्रा में जल की जरूरत होती है। अनुमानत: एक भेड़ (Sheep) के लिए प्रतिदिन 4 से 10 लीटर जल चाहिए वही एक गाय को 147 लीटर जल की जरूरत होती है तथा घोड़े को जीवित रहने के लिए प्रतिदिन 40 से 50 लीटर जल चाहिए।
जल यातायात का सबसे प्राचीन तरीका है आज भी बड़ी मात्रा में आवागमन व व्यापार जलमार्ग के द्वारा ही संभव होता है।
पौधे ऑक्सीकरण की क्रिया के लिए जरूरी है और जल बिना पौधों का अस्तित्व ही नहीं है बिना जल के पौधे मुरझा जाएंगे वह नष्ट हो जाएंगे अतः पौधे हमारे लिए व जल, पौधों के लिए बहुत जरूरी है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि जल अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा बिना जल के जीवित प्राणी का अस्तित्व ही नहीं है।
जल-जनित रोग
(Water Borne Diseases)
- जैविक अशुद्धियां
- अजैविक अशुद्धियां
- जैविक अशुद्धियां
- अजैविक अशुद्धियां
जल-जनित रोगों का मुख्य कारण जल में व्याप्त अशुद्धियां होती है जल में अशुद्धियां 2 तरीके की होती हैं:-
जैविक अशुद्धियों जैसे पशुओं के मल मूत्र वनस्पति व सब्जियों के कचरे और मानवीय मल मूत्र के निकास द्वारा सीवर लाइन को सार्वजनिक जल संसाधन से जोड़ने पर जल प्रदूषित होता है तथा अफजल में है। आज विश्व में जल जनित रोगों का भार 4.1 प्रतिशत है करीब 1.8 मिलियन व्यक्ति प्रतिवर्ष जल जनित रोगों के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं। आज विश्व के विकासशील देश ही नहीं विकसित देश की जल जनित रोगों की समस्या से ग्रस्त हैं।
अजैविक विरोधियों में मिट्टी के कारण चाक घर तथा अनेक प्रकार के रसायनिक तत्व जैसे कैंडमियम लैंड मरकरी निकेल सिल्वर मैग्निशियम आधे मिले रहते हैं। इन तत्वों की बहुत कम मात्रा ही मानव शरीर पचा (Absorb) पाता है। जल में उपस्थित इन तत्वों की आवश्यकता से अधिक मात्रा मानव के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है तथा उसे अनेक रोग जैसे मैग्नीशियम की अधिकता से आंतों की जलन, फ्लोरिंग की अधिकता से फ्लोरोसिस रोग, नाइट्रेट की अधिकता से मेटा हीमोग्लोबिन आदि हो सकते हैं।
- विषाणु द्वारा (By Virus)
- जीवाणु द्वारा (By Bacteria)
- प्रोटोजोआ द्वारा (By Protozoa)
- कीड़े द्वारा (By Worm)
जल में पनपने वाले सूक्ष्म जीवों के द्वारा होने वाले कुछ रोगों की सूची निम्न है:-
पीलिय, पोलियो, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, चेचक आदि।
हैजा, डायरिया, पेचिश, जापानी बुखार, टाइफाइड आदि।
मलेरिया, निंद्रा रोग, पायरिया, अमीबियोसिस आदि।
फाइलेरिया, हाइडिट, सिस्ट रोग तथा पेट के कीड़े आदि।