Liquid Waste Disposal
तरल अपशिष्ट निपटान
परिचय
Introduction
तरल अपशिष्ट से तात्पर्य उस कूड़े से है, जो तरल रूप में होता है। जैसे:- सीवर का पानी, घरों का गंदा पानी, उद्योगों के तरल रासायनिक पदार्थ, सिंचाई क्षेत्र का गन्दा पानी आदि। इस तरल कचरे में बहुत सारे अस्वच्छ व् खतरनाक घुलनशील पदार्थ मिले होते हैं। तरल कचरे में 99 प्रतिशत गन्दा पानी और 0.1 प्रतिशत ठोस कचरा होता है। गन्दे तरल में बहुत सारे बैक्टीरिया पनपते हैं, जो पेट की बिमारियों व अन्य रोगों को जन्म देते हैं।

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तरल अपशिष्ट का उचित तरीके से निपटान आवश्यक है क्योंकि तरल अपशिष्ट के अंश यदि साफ पानी से मिलते हैं, तो वे उस स्वच्छ जल को भी गन्दा कर देते हैं। जैसे:- यदि मानव के मल-मूत्र का सीवरेज पानी नल के साफ पानी से मिल जाए तो नल का स्वच्छ पीने का पानी भी दूषित हो जाएगा। तरल अपशिष्ट के निपटान की उचित व्यवस्था न होने के कारण आज विश्व जल प्रदूषण की गंभीर समस्या से झूम रहा है।
औद्योगिक तरल रसायनों के निपटान की उचित व्यवस्था न होने के कारण औद्योगिक तरल अपशिष्टों को सीधे नदियों में बहा दिया जाता है। मानव के मल-मूत्र के तरल अपशिष्ट शौचालय के अभाव में या तो सीधे भूमि में जाते हैं या पानी में बहा दिए जाते हैं। यहां तक कि मानव सीधे तौर पर ही समुन्द्र किनारे, नदी किनारे आदि जगह मल-मूत्र त्याग कर सार्वजानिक जल को दूषित कर देता है। वाणिजियक क्षेत्र के बचे पेय पदार्थ, तेल, ग्रीस आदि भी सीधे तौर पर या तो भूमि में दाल दिए जाते हैं या नदियों में फेंक दिए जाते हैं। तरल अपशिष्ट के निपटान की उचित्त व्यवस्था न होने के कारण प्रदूषण अपने चरम सिमा पर पहुंच चूका है।
तरल अपशिष्ट निपटान एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों, जैसे खाद्य उद्योग, औद्योगिक उद्योग और स्वच्छता उद्योग में किया जाता है। यह उपशामक पदार्थों को सुरक्षित तरीके से नष्ट करता है ताकि वे पर्यावरण के लिए कोई खतरा न बनें।
अपशिष्टों में से तापमान, धातुओं, और अन्य जहरीले पदार्थों के कारण संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसलिए, तरल अपशिष्ट निपटान उन अपशिष्टों को उचित तापमान और समय के लिए रखकर उनमें से संक्रमण को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, तरल अपशिष्ट निपटान उद्योग में तरल और धातु सामग्री को अलग करने में भी मदद करता है। यह उद्योग धातु तैल, नफ्टें, तेल और अन्य तरल उपशामक सामग्रियों के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
तरल अपशिष्ट निपटान उपशामक सामग्रियों को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने की प्रक्रिया है। यह उपशामक सामग्रियों को संक्रमण, जलवायु परिवर्तन और अन्य खतरों से बचाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखता है। इस प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली तकनीकों में शामिल होते हैं: संक्षारण, एनर्जी रिकवरी, धातु निकासी, जीवाणु नष्ट करने का प्रक्रिया और अन्य।
अपशिष्ट निपटान की जरूरत विभिन्न क्षेत्रों में होती है जैसे कि खाद, प्रक्रिया खाद उत्पादन, खाद निर्माण या विनिर्माण, खाद के संचय, स्थलांतरण और प्रबंधन आदि। यह प्रक्रिया अन्य उपशामक पदार्थों को नष्ट करने के लिए भी उपयोग की जाती है, जैसे कि ताम्र, लोहे और सिंचाई पानी के उपशामक पदार्थ। तरल अपशिष्ट निपटान का उपयोग न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल है, बल्कि इससे खाद की गुणवत्ता भी बढ़ती है जो कि फसलों के उत्पादन में मदद करती है। तरल अपशिष्ट निपटान से कृषकों की आर्थिक स्थिति में बदलाव होता है। यह प्रक्रिया कृषि उत्पादन को सुस्त तथा आर्थिक रूप से अधिक सुलभ बनाती है।
शोध बताते हैं की वातावरण को सबसे अधिक पप्रदूषित, तरल अपशिष्ट करते हैं। तरल अपशिष्ट के अदृश्य रोगाणु अनेक रोगों के जन्मदाता होते है तथा ये रोगाणु व् खतरनाक अस्वच्छ पदार्थ, तरल पदार्थों में इस तरह घुलनशील होते हैं कि न तो ये हमें दिखाई देते और न ही इन्हे साधारण तरिके से तरल पदार्थों से अलग किया जा सकता है।
- तरल अपशिष्ट पदार्थों के निपटारे के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
- किस विधि को अपनाना चाहिए ?
- तरल अपशिष्ट पदार्थों के स्वास्थ्य पर नुकसान क्या हैं ?