Liquid Waste Disposal
तरल अपशिष्ट निपटान
तरल गंदगी को निपटाने के सुरक्षित तरीके
Safe Methods of Liquid Waste Disposal
वातावरणीय स्वच्छ्ता व मानवीय स्वास्थ्य की दृष्टि से तरल गंदगी का निपटाया जाना आवश्यक है क्योंकि तरल गंदगी के जहरीले व खतरनाक पदार्थ वातावरण को दूषित करते हैं व मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। सामान्यत: तरल गंदगी से तात्पर्य मानव मल-मूत्र से लगाया जाता हैं तथा इसके निपटारे के लिए सीवरेज आदि की व्यवस्था की जाती है। तरल गंदगी से तात्पर्य केवल मानव व पशु का मल-मूत्र ही नहीं हैं, बल्कि उद्योगों की तरल गंदगी, कृषि क्षेत्र की गंदगी, रसोई की गंदगी, वर्षा के पानी से उत्पन्न गंदगी आदि को भी तरल गंदगी में सम्मिलित किया जाता है तथा इन सबको सम्मिलित कर तरल गंदगी के निपटाने के उचित उपाय करना ही तरल गंदगी के निपटाने के सुरक्षित तरीके कहे जाते हैं।

तरल गंदगी को निपटाने के सुरक्षित तरीके
Sources of Liquid Waste and its Effects on Health तरल अपशिष्ट के स्रोत व इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव read more
- निर्जलीकरण एवं अवसादन (An Hydration and Sedimentation)
विभिन्न क्षेत्रों की तरल गंदगी को निपटाने के सुरक्षित तरीके निम्न प्रकार हैं:-
बहुत से उद्योग जैसे:-माइनिंग फैक्टरी, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री, मेन्युफैक्चरिंग कंपनी आदि बड़ी मात्रा में तरल गंदगी पैदा करते हैं। इस तरल गंदगी का न तो पुन: उपयोग किया जा सकता है और न ही इसकी खपत की जा सकती है क्योंकि इस तरल गंदगी में खतरनाक रसायन होते है, जो मानव स्वास्थ्य में वातावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उद्योगों द्वारा अपने उद्योगों की तरल गंदगी को निपटाने के लिए एक सुरक्षित तरीका अपनाया जाना चाहिए।
- निर्जलीकरण (An Hydration) द्वारा
- अवसादन (Sedimentation) द्वारा
साधारणत: उद्योगों की तरल गंदगी को दो तरीको से निपटाया जा सकता है:-
- जलाना (Incineration)
- रूट जोन (Root Zone)
- खाद बनाना (Composting)
- तेल, ग्रीस आदि का निपटान (Disposal of Oil, Grease etc.)
उद्योग अपनी तरल गंदगी को इन आधुनिक तकनीकों द्वारा निपटा सकते हैं। निर्जलीकरण (Dewatering) उद्योगी गंदगी में से पानी की सारी मात्रा खींच लेता है तथा ठोस गंदगी को छोड़ देता है। फिर अवसादन (sedimentation) विधि से रही-सही ठोस गंदगी भी निकल जाती है। जब उद्योगों की तरल गंदगी में से ठोस गंदगी व पानी की मात्रा अलग-अलग हो जाती है, तो उस पानी को विभिन्न तकनीकों द्वारा स्वच्छ कर निर्माण उद्योग (Construction Work), सड़कों की सफाई आदि के काम में लिया जा सकता है।
तरल गंदगी को निपटाने का सबसे अधिक प्रचलित विधि है जलाना (Incineration)। इस विधि में तरल गंदगी को उच्च तापमान पर जलाकर नष्ट किया जाता है।
रुत जोन (Root Zoon) विधि का उपयोग उस तरल गंदगी के निपटारे के लिए किया जाता है, जो घरों की रसोई, कृषि क्षेत्र की सिंचाई व नहाने-धोने के कारण उत्पन्न होती है। रूट जोन विधि में तरल गंदगी को दुबारा इस्तेमाल (Reuse) के लिए तैयार किया जाता है। इस गंदगी को अवसादन (Sedimentation) विधि, निष्पदन (Filtration) विधि उबाल प्रक्रिया (Boiling Process) द्वारा स्वच्छ किया जाता है तथा इस स्वच्छ पानी को पौधों में पानी देने, सिंचाई करने, कपड़े धोने, नहाने, हाथ धोने, पोछा लगाने,पशुओं को नहलाने आदि के काम में किया जाता है।
जैविक तरल गंदगी जैसे:-सब्जियों व फलों के धोने का पानी, चाय का पानी, सिंचाई का पानी, दाल-चावल का पानी आदि को पौधों या मिट्टी में डाला जाए, तो यह तरल गंदगी एक बेहतरीन खाद के रूप में तैयार हो सकती है क्योंकि इस तरल गंदगी में पर्याप्त पोषक तत्व पाए जाते है, जो मिट्टी के साथ मिलकर बढ़िया खाद तैयार करते है तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़कर फसल उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकते है।
तैलीय तरल गंदगी को निपटाना सबसे कठिन कार्य है क्योंकि तैलीय तरल गंदगी पानी में जलचर जीवों के लिए खतरा बन जाती है तथा जमीन को भी प्रदूषित करती है। अतः तैलीय तरल गंदगी के निपटान के लिए विशेष तकनीकी व प्रशिक्षित व योग्य कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।
आस्ट्रेलिया में तैलीय तरल गंदगी को निपटाने के लिए बी.पी.एस. प्रणाली (BPS System) अपनाया जाता है। इस प्रणाली (System) के अनुसार पहले तैलीय तरल गंदगी को साफ किया जाता है। फिर सेप्टिक टैंक में भरकर वेक्यूम पाइप (Vacuum Pipe) की सहायता से आबादी से बहुत दूर सेप्टिक टैंक को ऐसे स्थानों पर खाली किया जाता है, जहां भविष्य में उस स्थान के उपयोग की कोई संभावना ना हो.
आस्ट्रेलिया की बी.पी.एस. प्रणाली (BPS System) के अंतर्गत ही गहरे कुएं खोदकर विशेष तकनीक द्वारा तेल की तरल गंदगी का निपटारा किया जाता है।