Burial and Cremation Ground and Mass Casualty Disposal
दफन व शमशान भूमि और जन हताहत निपटान
मृत शरीर को निपटाने के तरीके से होने वाले खतरे
Hazards Due To Methods of Disposal of Dead Bodies
मानव के मृत शरीर को निपटाना आवश्यक है | यदि मानव शव को समयानुसार नहीं निपटाया जाता, तो उसमें दुर्गंध पैदा हो जाती है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है | मृत शरीर में अतिशीघ्र जीवाणु व कीटाणु पनपते हैं, जिसके कारण महामारी फैलने का भय रहता है | मृत शरीर के ऊपर भिनभिनाने वाले मक्खी, मच्छर हमारे भोजन को प्रदूषित कर हमें रोगग्रस्त कर सकते हैं | मृत शरीर रोगाणुओं का घर होता है | अतः इसका निपटान आवश्यक है | लेकिन मानव शरीर के निपटान की एक उचित सुरक्षित विधि अपनाया जाना आवश्यक है | अनुचित तरीके से शव निपटान वातावरण को प्रदूषित कर अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं |
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- जल जनित रोग (Water Borne Diseases)
- प्रदूषण (Pollution)
- मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
जब मानव शव को निपटाने के लिए दफनाया जाता है, तो उसका प्रदूषण आस-पास की जमीन को प्रदूषित कर भू-तल के पानी को प्रदूषित कर देता है | उसमें पनपने वाले कीड़े-मकोड़े धरती के पानी में समाकर अनेक रोगों को जन्म देते हैं | इसी प्रकार यदि मानव शव को जलाकर उसकी अस्थियों को जल में बहाया जाए तब भी पानी में प्रदूषण होता है व उस जल का उपयोग करने पर अनेक रोगों के संक्रमण का खतरा रहता है |
यदि पानी में बहाया जाने वाला मानव शव, किसी संक्रामक रोग से जैसे:- स्वाइन फ्लू, प्लेग, मलेरिया, डेंगू आदि से पीड़ित होता है, तब उस रोग के कीटाणु पुरे जल को प्रदूषित कर महामारी फैला सकते हैं |
मानव शव को दफनाने से आस-पास की भूमि प्रदूषित होती है | इस प्रदूषित भूमि के सम्पर्क में आने से व्यक्ति कैंसर व त्वचा संबंधी रोगों से ग्रसित हो सकता है | विश्व के अनेक हिस्सों में मानव शव का निपटारा दफनाकर किया जाता है, उन हिस्सों में मानव शव को दफनाने के लिए जमीन भी नहीं बची है | अतः वहां सामूहिक कब्र बनाने की पेशकश की गई है |
मानव शव का निपटान (Disposal of Human Bodies) मानव शव को निपटाने की कौन सी विधि उपयुक्त है ?read more
मानव शव को जलाने के लिए जहां एक ओर लकड़ियों के लिए पेड़ों की कटाई होती है, वहीं दूसरी ओर उसका धुआं वातावरण को प्रदूषित करता है | विश्व के जिन हिस्सों में मानव शव को जलाने की प्रथा है, उन हिस्सों में अब इलेक्ट्रॉनिक मशीन द्वारा शव को पिपटाने की बात चल रही है | और कुछ देशों में तो इलेक्ट्रॉनिक मशीन द्वारा शव को निपटाना भी शुरू कर दिया है |
भारत में 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मानव शव को जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के बारे में चिंता व्यक्त की तथा मानव शव को जलाने की प्रथा पर रोक लगाने का नियम बनाया, किन्तु हिन्दुओं की भावनाएं इस प्रथा से जुड़ी हैं | अतः भारत में इस प्रथा पर रोक न लगाया जा सका |
मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ने का सबसे बड़ा कारण मानव शव है | मानव शव को देखकर कई व्यक्ति घबरा जाते हैं व अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं | आपने देखा होगा की यदि कब्रगाह या श्मशान तक बच्चों को ले जाया जाता है तो वे बच्चे डरे सहमे रहने लगते है, कई मामलों में व्यक्ति को अपने परिजन को जलता देख या दफनाता देख हार्ट अटैक भी आ जाता है | इसलिए मानव शव को दफनाने के लिए ऐसी विधि प्रयुक्त करनी चाहिए, जिससे उसके परिजन व्यथित ना हों |