Soil Sanitation
मिट्टी की स्वच्छ्ता
मिट्टी का महत्व
Importance of Soil
हम जानते है कि भूमि पर्यावरण की आधारभूत इकाई है। यह एक स्थिर इकाई है व इसकी वृद्धि व बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। घरती पर उपलब्ध भूमि का केवल 50 प्रतिशत भाग ही उपयोग योग्य है। बाकि 50 प्रतिशत धरती पर पठार, खाइयां, पहाड़, दलदल आदि हैं। धरी पर मिट्टी की उपलब्धता जीवन-अस्तित्व के लिए आवश्यक है। बिना मिट्टी के धरती पर जीवन कठिन है। मिट्टी मानव जीवन तथा अन्य जीवों के लिए अति महत्वपूर्ण है।
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मिट्टी का महत्व
- खाद्य पदार्थों के लिए (For Food Ingredients):-
- जीव-जन्तुओं के लिए (For Flora and Fauna):-
- वर्षा के पाने का संरक्षण (Conservation of Rain Water):-
- निवास स्थान के लिए (For Habitat):-
- पेड़-पौधों के लिए (For Plant):-
मिट्टी के महत्व को नीचे निम्न बिन्दुओं द्वारा समझा जा सकता है:-
विश्व की जनता के लिए 71 प्रतिशत खाद्य पदार्थों की पूर्ति केवल भूमि द्वारा की जाती है। क्या आप जानते है कि मानव उपभोग के लिए उपलब्ध 50 प्रतिशत भूमि में से केवल 2 प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य है अर्थात केवल 2 प्रतिशत भूमि पर ही ऐसी मिट्टी मौजूद है, जिस पर अनाज, फल, फूल, सब्जी, वनस्पति आदि उगाए जा सकते है। यदि इस 2 प्रतिशत भूमि पर भी उपजाऊ मिट्टी मौजूद ना हो तो सोचिए मानव व पशुओं का क्या हाल होगा। धरती पर भुखमरी फैल जाएगी व लोग एक दूसरे को ही खाने लगेंगे। मानव व पशुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए धरती पर मिट्टी की उपलब्धता अति आवश्यक है।
मिट्टी लाखों-करोड़ों जीवों की आश्रय स्थल है। कंक्रीट, रेतीली व चट्टानी धरती पर किसी जीव का जीवन नहीं, होता है। जीव-जन्तु मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने व हवा पानी में सामजस्य स्थापित करने व प्राकृतिक पर्यावरण बनाए रखने में सहायक हैं।
मिट्टी की रचना स्पंजी होती है। बरसात का पानी मिट्टी के कणों में घुसकर जमीन में समा जाता है व भूतल का पानी बन जाता है। यह पानी मानव को स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल के रूप में उपलब्ध होता है। बिना मिट्टी के वर्षा के पानी का संरक्षण असंभव है।
मानव को रहने के लिए ऐसी जगह की आवश्यकता होती है, जहां पिने के लिए पानी, बिजली बा हरियाली हो। ये सब सुविधाएं बिना मिट्टी के असंभव हैं। पथरीली, चिकनी, रेतीली, चट्टानी भूमि पर मनुष्य का रहना संभव छन्हि है।
पेड़-पौधे जीवित प्राणी के श्रेणी में आते हैं, जो मिट्टी में ही विकसित होते है। पेड़-पौधों द्वारा छोड़ी गई ऑक्सीजन मानव जीवन के लिए आवश्यक है व पेड़-पौधों के जीवन के लिए मिट्टी।
अतः स्पष्ट है कि मिट्टी मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है। मिट्टी की कौन सी किस्म मानव के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, यह मिट्टी की संरचना पर निर्भर करता है।
Classifications of Soil and Classification of Indian Soil मिट्टी के प्रकार और भारतीय मिट्टी का वर्गीकरण read more
- रेतीली मिट्टी (Sandy Soil):-
- चिकनी मिट्टी (Clay Soil):-
- सिल्टी मिट्टी (Silty Soil):-
- लोमी मिट्टी (Loamy Soil):-
- पीट मिट्टी (Peat Soil):-
- चाक-चूने वाली मिट्टी (Chalky Soil):-
जन स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता है:-
रेतीली मिट्टी पौधों के लिए सबसे खराब मिटटी मानी जाती है क्योंकि इसमें पत्थर या रेट के बड़े-बड़े टुकड़े होते हैं, जिनमे पानी नहीं ठहरता। इनमें केवल वैसे ही पौधे उगाए जा सकते हैं, जिनकी जड़ें कठोर हों। मानव स्वास्थ्य की दॄष्टि से रेतीली मिट्टी अच्छी समझी जाती है।
1चिकनी मिट्टी अन्य मिट्टी की अपेक्षा अधिक भारी व घनी होती है। इस मिट्टी के कण एक दूसरे से गुंथे हुए होते हैं। सुखी चिकनी मिट्टी मानव के स्वास्थ्य की दॄष्टि से अच्छी मणि जाती है व अधिक गीली चिकनी मिट्टी कठोर हो जाती है, दलदल का रूप ले लेती है व मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती।
सिल्टी मिट्टी नर्म होती है। इसमें पानी को सोखने की क्षमता अधिक होती है। यह अधिक उपजाऊ होती है, किन्तु इसमें अकार्बनिक पदार्थ जैसे:- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस की मात्रा कम होती है। अतः खेतों में उपयोग से पहले इस मिट्टी में रासायनिक पदार्थों की मात्रा मिलाना जरूरी है। यह मिट्टी मानव के लिए स्वस्थ मणि जाती है। यह मिट्टी जीवाणु रहित होती है तथा पर्यावरण के लिए अच्छी मणि जाती है।
लोमी मिट्टी, रेतीली, चिकनी, सिल्टी मिट्टी का मिश्रण है। लोमी मिट्टी का pH मन 6 है (pH मिट्टी का प्रदूषण मापने का यंत्र)। लोमी मिट्टी में कैल्शियम की उच्चतम मात्रा पाए जाती है। इस मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व व पानी को सोखने की क्षमता होती है। इस मिट्टी में कुछ तत्वों की कमी को पूरा कर इसे कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
पीट मिट्टी गहरी भूरी होती है, किन्तु इसे काली मिट्टी कहा जाता है। इस मिट्टी में बड़ी मात्रा में जैविक पदार्थ व पानी होता है। यह मिट्टी पौधों की बढ़ोतरी के लिए सबसे अच्छी मिट्टी मणि जाती है। किन्तु इस मिट्टी के सही रख-रखाव के लिए पानी की निकासी की व्यवस्था आवश्यक है क्योंकि पानी की अधिक मात्रा होने पर यह मिट्टी यह मिट्टी दलदल का रूप धारण कर लेती है। इस मिट्टी में बाढ़ का प्रकोप बहुत जल्दी होता है। वैसे इस मिट्टी का pH माप अन्य मिट्टियों की अपेक्षा अधिक होता है, किन्तु मानव स्वास्थ्य के लिए यह मिट्टी सही नहीं मणि जाती।
यह मिट्टी पथरीली व खुष्क होती है, जिसका pH मान 7.5 होता है। यह पौधों के लिए अनुपजाऊ होती है, किन्तु मानव स्वास्थ्य की दॄष्टि से अच्छी मानी जाती है।