Soil Sanitation
मिट्टी की स्वच्छ्ता
मिट्टी में अत्यधिक नमी का कारण
Reasons For Excessive Moisture in Soil
पानी मिट्टी का आवश्यक तत्व है। मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए जल महत्वपूर्ण है। किंतु जल की अधिक मात्रा मिट्टी में अत्यधिक नमी पैदा कर मिट्टी का अपरदन (Soil Erosion) कर सकती है।
मिट्टी की अत्यधिक नमी की स्थिति में मिट्टी के कारणों में हवा की मात्रा शून्य हो जाती है क्योंकि उन कणों के बीच में पानी भरा रहता है, जिससे छोटे पेड़ों की जड़ें सांस नहीं ले पाती वह अत्यधिक पानी के कारण पेड़ या तो मर जाते हैं या टूट कर गिर जाते हैं।

मिट्टी में अत्यधिक नमी का कारण व भूमि उद्धार
मिट्टी की अत्यधिक नमी के मुख्य कारण बाढ़, भारी बरसात, अत्यधिक सिंचाई, तराई भूतल के पानी का उच्चतम स्तर तथा मिट्टी की बनावट है। जिससे चिकनी मिट्टी में पानी को सोखने की क्षमता कम होती है। यह मिट्टी अधिक पानी में बह जाती है। वहीं रेतीली मिट्टी में पानी को सूखने की क्षमता अधिक होती है। इसी प्रकार किसी क्षेत्र विशेष में लगातार बारिश मिट्टी में अत्यधिक नमी पैदा कर देती है, जिससे मिट्टी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम हो जाती है व मिट्टी बह जाती है।
समुंद्रतट पर लहरों व ज्वारभाटा की क्रियाओं के कारण आसपास की मिट्टी अत्यधिक जलमग्न हो जाती है तथा मिट्टी का यह भाग अपक्षय होकर समुंदर में विलीन हो जाता है।
वर्षा के जल में रसायनिक पदार्थ होते हैं और जब यह जल मिट्टी में प्रवेश करता है तब भूमि के विलय पदार्थों के अंशों को अपने साथ घोलकर भूमि में घुलनशील तत्वों की मात्रा बढ़ा देते हैं व मिट्टी में अत्यधिक नमी उत्पन्न कर मिट्टी से अलग हुए पदार्थों को अपने साथ बहाकर ले जाते हैं।
नदियों तथा अन्य जल स्रोतों के किनारे स्थित मिट्टी में नदियों व जल स्रोतों का पानी अत्यधिक नमी उत्पन्न करने का कारण बनता है।
दिन में धूप से तृप्त चट्टानों में पड़ी दरारें फैल जाती हैं तथा उन में स्थित पत्थर नीचे सरक जाते हैं। रात में ठंड पड़ने या वर्षा होने पर चट्टानों के मध्य पड़ी दरारें भूमि के अंदर जल प्रवेश करवाती है, जिससे भूमि में पानी का स्तर बढ़ जाता है व मिट्टी ढीली होकर नीचे खिसक जाती है।
अत्यधिक सिंचाई, मिट्टी पर सीधा पानी पड़ना आदि भी मिट्टी की अत्यधिक नमी के कारण हैं। वर्षा के पानी की उचित निकासी करके, वृक्षारोपण करके व नदियों पर बांध बनाकर, कंटूर जुताई करके आदि उपायों द्वारा मिट्टी की अत्यधिक नमी को दूर किया जा सकता है।
Importance of Soil मिट्टी के महत्व को निम्न बिन्दुओं द्वारा समझा जा सकता है व जन स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता है read more
भूमि उद्धार
Land Reclamation
भूमि उद्धार (Land Reclamation) से तात्पर्य भूमि के पुर्ननिर्माण या भूमि सुधार से है। समुन्द्र, नदी या झील के आस-पास की भूमि से नई भूमि बनाना "भूमि उद्धार" (Land Reclamation)कहलाता है।
जल क्षेत्रों के निचले या आसपास के क्षेत्रों में भूमि का निर्माण व भूमि के स्तर को उठाने की क्रिया को भूमि उद्धार कहते है। भूमि के स्तर को ऊपर उठाने के लिए भूमि को धूल, रेत व अन्य पदार्थों से भरा जाता है। इस भूमि के भरने के लिए मिट्टी, आसपास के जलीय क्षेत्रों से ली जाती है ताकि जलीय क्षेत्रों की गहराई को सुधारा जा सके व उनके पदार्थों का भूमि उद्धार के लिए प्रयोग किया जा सके।
मृदा अपरदन (Soil Erosion) की स्थिति में पानी, हवा अदि अनेक स्रोत मिट्टी को बहकर पानी के स्रोतों में जमा क्र देते हैं, इससे जल स्रोतों का पानी प्रदूषित होता है साथ ही उसकी गहराई पर भी फर्क पड़ता है भूमि उद्धार का उद्देश्य जल स्रोतों के तलों में जमा पोषक पदार्थों को निकलकर जल स्रोतों के आसपास के निचले हिस्सों को ऊपर उठाने के लिए इन पदार्थों का उपयोग करना है, जिससे एक ओर कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का सृजन होता है, वहीं दूसरी ओर जलस्रोतों की गहराई बनी रहती है।
कभी-कभी भूमि उद्धार प्रक्रिया में बहुत समय लगता है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब किसी क्षेत्र विशेष से अपनी निकालना मुश्किल हो जाता है (भारी बरसात के समय)। जैसे नीदरलैंड के कई क्षेत्र भरी बरसात के समय समुन्द्र स्तर (Sea Level) से नीचे हो जाते हैं।
कृत्रिम भूमि की प्रक्रिया दुबई, पाम आइलैंड (Palm Island) में बहुत की जाती है।