Soil Sanitation
मिट्टी की स्वच्छ्ता
मिट्टी जीवाणु व परजीवी
Soil Bacteria and Parasite
मिट्टी एक प्राकृतिक तत्व है और पृथ्वी की संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मिट्टी विभिन्न अवस्थाओं में पाई जाती है, जिनमें वातावरण, जल, हवा, और जीवाणुओं का प्रभाव शामिल होता है। मिट्टी जीवाणु और परजीवी दोनों को मिट्टी की विविधता को निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- मिट्टी जीवाणु (Soil Microorganisms):
- परजीवी (Soil Organisms):
मिट्टी जीवाणु (Soil Microorganisms) मिट्टी में सबसे सूक्ष्म जीवाणु होते हैं जो बैक्टीरिया, फंगस, अर्केया, वायरस और प्रोटोजोआ जैसे विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं को शामिल करते हैं। ये जीवाणु मिट्टी की गुणवत्ता और संरचना को सुधारते हैं, न्यूट्रिएंट साइकलिंग में सहायता करते हैं और पौधों के विकास में मदद करते हैं। वे अपघटन प्रक्रियाओं के माध्यम से अम्लीयकरण, अद्भुतिकरण, और नित्रोजन संश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को संचालित करते हैं।
परजीवी (Soil Organisms) मिट्टी में रहने वाले जीवाणु होते हैं, जो मिट्टी के बाहरी जीवों की श्रेणी में आते हैं। इनमें भूमिकारियाँ, कीट, कीटकनाशक, पक्षी, जानवर, मछली, कछुए, और अन्य जीवाणुओं की शामिल हो सकती हैं। ये जीवाणुओं को मिट्टी के आहार के रूप में उपयोग करते हैं, मिट्टी की संरचना को सुधारते हैं, मिट्टी को उर्वरता प्रदान करते हैं, और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। इनका महत्वपूर्ण योगदान मिट्टी के प्राकृतिक प्रक्रियाओं में होता है और पौधों के लिए एक स्वस्थ पारितंत्रिक प्रदान करते हैं।

मिट्टी जीवाणु व परजीवी
Reasons For Excessive Moisture in Soil and Land Reclamation मिट्टी में अत्यधिक नमी का कारण व भूमि उद्धार read more
मिट्टी विभिन्न प्रकार के कीटाणु भोजन व प्रोटोजोआ बैक्टीरिया फफूंदी आदि के शरण स्थली है। माना जाता है कि 1 ग्राम मिट्टी में 100 मिलियन या उससे भी अधिक व्यक्ति रिया होते हैं। ये बैक्टीरिया भूमि के जैविक पदार्थों को पचाकर उसे खाद में बदलकर भूमि की उर्वरता शक्ति को बढ़ाते हैं। वाह भूमि के पोषक तत्वों की कमी को दूर करते हैं।
- अपघटक (Decomsosers):-
- नाइट्रोजन फिक्सर (Nitrogen Fixer):-
- एरोबिक बैक्टीरिया (Aeribic Bacteria):-
- हरे-नीले शैवाल (Green-Blue Algae):-
- एक्टीनोमाइसीट्स (Actinomycetes):-
- मिट्टी के परजीवी (Parasites of Soil):-
मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया व उनके कार्य निम्न प्रकार है:-
बैक्टीरिया मिट्टी में पाए जाने वाले जविक पदार्थों को तोड़ कर यह पचाकर महत्वपूर्ण खाद में बदल देते हैं। जिससे पौधे इस खाद का उपयोग कर अच्छी तरह बढ़ सके यह खाद पौधों के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करती है।
नाइट्रोजन पौधों की बढ़ोतरी के लिए आवश्यक पोषक तत्व बैक्टीरिया हवा से नाइट्रोजन की मात्रा खींचकर उसे महत्वपूर्ण खनिजों में बदल देते हैं। जिससे पौधे व खनिजों का उपयोग कर बढ़ सके यह बैक्टीरिया पौधों की जड़ों में पाए जाते हैं।
एरोबिक बैक्टीरिया नम मिट्टी में समूह रूप में पाए जाते हैं यह बैक्टीरिया मिट्टी के अमोनिया को नाइट्रेट में बदल देते हैं। इस प्रकार के नाइट्रेट पदार्थ जब पौधों द्वारा उपयोग किए जाते हैं तब महत्वपूर्ण प्रोटीन में बदल जाते हैं एरोबिक बैक्टीरिया मिट्टी में नाइट्रिफिकेशन की क्रिया के लिए आवश्यक है।
हरे-नीले शैवाल साइनोबैक्टीरिया (Green-Blue Algae Cyanobacteria) के एक प्रकार है यह बैक्टीरिया पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए जरूरी है। यह सूर्य की रोशनी को ऊर्जा में बदल कर ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं वह वातावरण में छोड़ते हैं।
एक्टीनोमाइसीट्स बैक्टीरिया (Actinomycetes Bacteria) मिट्टी के सबसे विशाल वह महत्वपूर्ण व्यक्ति रिया होते हैं। यह बैक्टीरिया मिट्टी को ताजगी प्रदान करते हैं। यह बैक्टीरिया कठोर (Tough) पदार्थ जैसे सेल्यूलोज राइटिंग को बचाते हैं व महत्वपूर्ण खाद में बदलते हैं। यह मिट्टी का पीएच मान बढ़ाते हैं। ये बैक्टीरिया मिट्टी के एंटीबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं।
मिट्टी में पाए जाने वाले परजीवी वह जीवाणु होते हैं जो अपने भोजन के लिए दूसरे पर निर्भर रहते हैं। ये जीवाणु बड़े होते हैं तथा अपने पोषित (Host) को अर्थात जिन पर वह निर्भर रहते हैं उनको कोई फायदा नहीं पहुंचाते बल्कि दूसरी तरफ मिट्टी में पाए जाने वाले यही परजीवी मिट्टी के संपर्क में आने वाले मनुष्य, पशु, पक्षियों, पौधों में पहुंचकर उन्हें संक्रमित कर रोग ग्रस्त कर सकते हैं।
इन मिट्टी जीवाणु और परजीवी जीवाणुओं का महत्वपूर्ण योगदान मिट्टी की स्वास्थ्य, उर्वरता, और पौधों के संपोषण में होता है। इनकी संतुलित मौजूदगी मिट्टी की विविधता और पर्यावरण के संतुलन के लिए आवश्यक होती है।